rohit_420

My Real Life
2022-11-18 07:33:56 (UTC)

मासिक धर्म 2

किसी औरत को सम्पूर्ण करता हैं,
उसका मासिकधर्म,
जब पहला मासिक आता हैं उसे,
वो हो जाती हैं काबिल,
नव सृजन करने के....
आखिर क्यों घबराए वो नारी,
इस मासिक से,
जो उसके सम्पूर्णतः की गवाह हैं...
आखिर क्यों शरमाये वो नारी,
इस मासिकधर्म से,
जो उसकी नवसृजनता का प्रतीक हैं,
गर मासिक ना होता,
तो शायद तुम भी ना होते,
और तुम अपने जीवन की शुरुआत से,
घिन्न करते हो, आखिर क्यों....
क्या ये गुनाह है, आखिर क्यों नारी को,
ईश्वर ने चुना हैं इस दर्द को सहने को,
क्योंकि ईश्वर ने माँ बनाया हैं नारी को,
और एक माँ हर तकलीफ सह सकती हैं,
अपने बच्चे की खातिर....
पर ना जाने क्यों हर किसी की निगाह में,
नारी होती हैं अपवित्र उस मासिकधर्म के दिनों,
उन दिनों जब वो परिपूर्ण हैं,
तो क्यों वो अपवित्र हैं.....
नारी के जीवन का महत्वपूर्ण समय हैं,
उसका मासिकधर्म......!




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