rohit_420

My Real Life
2022-11-18 07:32:58 (UTC)

वैवाहिक बलात्कार

क्यों हर रोज़ रात में मुझको,
बिस्तर समझकर पलंग पर,
लिटा दिया जाता हैं....
क्यों हर रोज़ रात में मुझको,
ये तुम्हारी हवस मिटाने
ये दर्द सहना पड़ता हैं.....
क्यों हर रोज़ रात में मुझको,
अपने ज़िस्म को तुम्हारे लिए,
हाज़िर करना होता हैं....
माना मैंने कि तुम मेरे पति हो,
तुमने मेरी मांग भरी हैं.......
मेरे गले मे तुम्हारे नाम का,
मंगलसूत्र बंधा हैं.....
माना मैंने भी ये, कि सुहागरात थी वो
जिसमे मेरा मिलन था तुमसे,
और तुमने मुझे पूर्ण किया था....
शायद अब तुम्हारी वहशियत की कहानी,
मेरे ज़िस्म पर हर रोज़ लिखी जाती हैं....
आखिर क्यों तुमने मुझे ब्याह कर लाये थे,
शायद तुम अपनी प्यास बुझाना चाहते थे,
क्या कभी सोचा हैं तुमने,
क्या बीतती हैं मुझपर,
जब तुम मुझे अपनी आगोश में लेते हो.....
आखिर क्या कुछ झेलती हूँ मैं,
जब तुम मेरे ऊपर,
अपनी हैवानियत उतारते हो.....!
आखिर कैसे कहूँ मैं किसी से,
क्या बीतती हैं मुझपर,
कितने दर्द मिलते हैं मुझे,
आखिर हर रात,
तुमको इस्तमाल करते हो,
जब जब तुम्हे अपनी,
जिस्मानी हसरत पूरी करनी होती हैं.....!
कैसे बताऊं में तुम्हे,
कितनी बार मेरी आत्मा मरती हैं,
जब तुम मेरे ज़िस्म को,
नोंचते हो अपनी भूख मिटाने की खातिर.....
आखिर मैं तुम्हारी पत्नी हूँ,
शायद मेरी किस्मत में ही लिखा है,
हर रात मेरा "वैवाहिक बलात्कार"......!

कहते है पति पत्नी का रिश्ता बेहद खास होता हैं, इस रिश्ते में समर्पण, विश्वास और एक दूसरे की चाहत बहुत ज़रूरी होती हैं....!
लेकिन क्यों हर औरत को सिर्फ बिस्तर में ही पसंद किया जाता हैं.....
वो तुम्हारी पत्नी हैं कोई खिलौना नहीं, जो उसके ज़िस्म से खेला और उपज हवस मिटाकर भुला दिया....!
क्यों हर रोज़ एक औरत ये सब सहती हैं, माना कि वो तुम्हारी पत्नी हैं, लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि तुम जैसे चाहे उसके साथ कर सकते हो.....!




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