rohit_420
My Real Life
मेरा पति था
कल रात फिर से,
मेरा बलात्कार हुआ,
मेरी मर्यादा को,
तार तार किया गया,
मेरे ज़िस्म में अपनी,
मर्दानगी लिख गया,
वो कोई और नही,
मेरा पति था....
ख़्वाहिश थी उसकी,
मुझ संग रात बिताने की,
पर वो मुझपर रात भर,
अपनी वहशियत मिटाता रहा,
मैं घुट घुट के मरती रही,
उसके ज़िस्म के नीचे,
वो अपनी हैवानियत में,
मुझको दबाता रहा....
पूजा था मैंने जिसको,
परमेश्वर जिसको माना था....!
खुद को न्यौछावर किया था मैंने,
पर उसे तो चाहिए था,
मेरा ज़िस्म, जिस पर वो,
अपनी मर्दानगी दिखा सके,
हर रात वो अपनी भूख मिटा सकें,
मंगलसूत्र बाँधा था उसने मेरे गले मे,
क्योंकि वो मेरे बलात्कार को,
सुहागरात का नाम दे सके,
नोंच डाला मेरे बदन को,
मेरी आत्मा को मार डाला था,
शायद हर रात उस भेड़िये के लिए,
मेरा ज़िस्म एक निवाला था.....!
हर रोज़ नोंचता था मुझको,
दर्द में बिलख उठती थी मैं,
पर मेरे दर्द को वो,
कहाँ समझने वाला था,
वो पति है मेरा,
बस मुझको लुटता था,
मुझको बेलिबास करता था,
अपनी हैवानियत को वो,
कुछ इस तरह,
मेरे ज़िस्म में लिखता था....!
आई थी मैं भी उसके द्वार,
करके अपने परमेश्वर पर यकीन,
करेगा वो रक्षा मेरे मान की,
पर क्या मैं सही थी,
जो मैंने ख़्वाब सजाए थे,
ना जाने क्यों मैंने,
पत्नी होने के धर्म निभाये थे,
वो इंसान तो नहीं
एक शैतान था,
और मैं घायल हिरनी की तरह,
आज रात फिर तैयार थी,
उसका शिकार होने को,
फिर मेरे आँसू थे गवाह,
मेरे होने वाले बलात्कार के,
पर सब कुछ चुप रहकर सहना था,
क्योंकि वो मेरा पति था......!
आखिर क्यों हर रोज़ पत्नी को खुद को अपने पति के सामने समर्पित करना पड़ता हैं, पत्नी पति के रिश्ते में जितनी पवित्रता होती हैं, उतनी ही मर्यादा भी रहती हैं....!
पर फिर भी ना जाने क्यों कुछ लोग अपनी पत्नी को बस अपनी भूख मिटाने की वस्तु समझते है,
माना कि आपने शादी की हैं, सुहागरात एक रिवाज़ हैं, पर फिर भी क्यों हर रात एक औरत अपने पति के सामने निर्वस्त्र होने पर मजबूर होती है, कुछ लोगो की नींद तक नहीं लगती जब तक कि वो अपनी धर्मपत्नी से पत्नी धर्म का पालन ना करवा लें,
क्योंकि उन्होंने तो उसके गले मे मंगलसूत्र बाँधा हैं, तो फिर पत्नी बनी हैं, अपने धर्म को निभाने के लिए, चाहे उसका मन ही या ना हो, हमे तो क्या है, अपना पति परमेश्वर वाला रूप अच्छा लगता हैं,
फिर चाहे पत्नी की इजाज़त हो या नहीं हो,
हम तो अपनी हसरते पूरी करेंगे.....
पत्नी है तो क्या हुआ,उस औरत की भी ख़्वाहिश होना चाहिए पत्नी धर्म निभाने की, लेकिन लोग समझते ही नहीं हैं,
बस रात में बिस्तर चाहिए और बिस्तर में धर्मपत्नी अपबे पत्नी धर्म को निभाये.....!
माफ कीजिये पर जो सच है वही लिखा है,
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