rohit_420
My Real Life
Virginity test
कभी बिस्तर के सफेद चादर में,
मेरे खून के लाल निशान,
तो कभी दो उंगलियों का दर्द,
मेरे गुप्तांग में,
आखिर क्यों मैं ही दूँ परीक्षा,
अपने कौमार्य की....!
कहीं तुम ये सोचते तो नहीं,
कि मैं बिस्तर बनी थी कभी,
किसी और के पलंग की,
या ये समझते हो कि,
मैंने किया है मुंह काला अपना,
किसी बंद कमरे में....!
आखिर क्यों क्योंकि मैं लड़की हूँ,
जो हर बार दे परीक्षा अपने सतीत्व की,
क्या तुमने कभी दी है परीक्षा,
अपने पुरुषत्व की,
चाहे बनाये हो सम्बन्ध तुमने,
सैकड़ो लड़कियों से पर नकार देते हो,
कि मैं पवित्र हूँ छुआ ही नहीं कभी मैंने,
किसी लड़की को इतना तो यकीन करो,
तो क्यों नही करते तुम यकीन मेरा,
कि मैं कभी गलत नही हूँ,
ना कभी मैंने किया कुछ ऐसा वैसा,
पर मेरे लहू के धब्बे ही गवाह है क्या,
मेरे कौमार्य के,
गर हाँ तो ये बताओ कि,
सुहागरात की सेज पर वो
सफेद चादर बिछाने क्या फायदा,
क्योंकि मेरा लहू तो दिख जाएगा,
किसी और रंग के चादर में,
गर मेरी पवित्रता बस मेरे लहू से है,
तो क्यों मुझे अपवित्र कहते हो तुम,
मेरे रजस्वला होने पर,
आखिर क्या फ़र्क है मेरे उस लहू में,
जो महीने के 5 दिन ज़िस्म से बहता है,
रहता तो वो भी लाल ही है,
जो तुम लाल सुहागरात में देखना चाहते हो,
तो तुम ही गवाही दो ज़रा मेरी पवित्रता की,
कहीं तुम भी तो कहीं अपवित्र नहीं,
आखिर तुमने भी तो दी नहीं गवाही,
अपने कौमार्य की.....!
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