alka

personal
2015-04-13 08:33:46 (UTC)

त्थर की तरह दिल..

त्थर की तरह दिल को तराशा है
बार-बार
एक ताजमहल हमने बनाया है बार-
बार
हम तो वफा की राह पे तन्हा ही
रह गए
पर रहगुजर पे तुमको तलाशा है
बार-बार
आए हैं उसी मोड़ पे, है अपना नहीं
कोई
इस शहर ने दीवाने को ठुकराया है
बार-बार
माना कि तेरे हुस्न के काबिल
नहीं हूं मैं
पर इश्क तेरे दर पे मुझे लाया बार-
बार




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