alka

personal
2015-01-15 16:26:32 (UTC)

??? ??? ??..

जिस दिन से चला हुँ कभी मुड कर नहीं देखा ,
मैंने कोई गुजरा हुआ मन्जर नहीं देखा ।
पत्थर मुझे कहता हैं मेरा चाहने वाला ,
मैं मोम हुँ उसने कभी मुझे छुकर नहीं देखा ।
बेवक्त अगर जाऊगा सब चौंक पडेगे ,
एक उम हुई दिन में कभी घर नहीं देखा ।
ये फुल मुझे कोई विरासत में मिलें हैं ,
तुमने मेरा काटों भरा बिस्तर नही देखा ।




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