chetan

raja ram
2010-02-04 10:32:28 (UTC)

c.koli

1.भाई ऐसे ही हैं। उर्दू शायरी का परचम उठाकर वे पूरी दुनिया में घूमते हैं, महँगे
एयरलाइन्स में सफ़र करते हैं, सात सितारा होटलों में ठहरते हैं, रईस मेज़बानों...
सोचिएगा, हमें राहत की शायरी इतना क्यों छूती है, क्यों अपनी-सी लगती है, क्यों
उसमें हमारी ज़िदगी के दु:ख-दर्द दिखाई देते हैं... इसका सीधा और आसान जवाब
यह...
2हिन्दी शायरी खास दोस्तों के लिए ...
बना दी जोड़ी हिंदी शेर ओ शायरी प्यार मोहब्बत हिन्दी शायरी खास दोस्तों के लिए
द्वारा 3 जनवरी, 2009 5:03:33 PM IST पर पोस्टेड टिप्पणी जोड़ें Fun
Unlimited... खुबसूरत हो तुम : चैनल शायरी | कविता | गाने : टैग्स
विविध...
3.यूं दर्द बांटने चले थे जमाने के साथ
शायद बढे मदद के लिए अपनी तरफ हाथ
हम खड़े देखते रहे
लोग हंसते रहे
जो हमने पूछी वजह तो
बताया‘यहां सब सुनाने आते हैं दर्द
कोई नहीं बनता किसी का हमदर्द
मूंहजुबानी बहुत वादे करने की
होड़ सभी लोग करते
पर देता कोई नहीं साथ
बंधे सबके अपनी मजबूरी से हाथ
4.कमअक्ल दोस्त से
अक्लमंद दुश्मन भला
ऐसे ही नहीं कहा जाता है।
दुश्मन पर रहती है नजर हमेशा
दोस्त का पीठ पर वार करना
ऐसे ही नहीं सहा जाता है।
जमाने में खंजर लिये घूम रहा है हर कोई
अकेले भी तो रहा नहीं जाता है
इसलिये दिखाने के लिये
बहुत से लोगों को दोस्त कहा जाता है।
5.प्यार मांगने की चीज होती तो

किसी से भी मांग लेते,

इज्जत छीनने की चीज होती तो

किसी से भी छीन लेते।

लोग नहीं सुनते अपने ही दिल की बात,

मारते हैं अपने ही जज़्बात को लात,

दिमाग को ही अपना मालिक समझते,

बड़े अक्लमंद दिखने को सभी हैं तैयार

पर लुटती होती कहीं अक्ल तो सभी लूट लेते।
6.प्यार मांगने की चीज होती तो

किसी से भी मांग लेते,

इज्जत छीनने की चीज होती तो

किसी से भी छीन लेते।

लोग नहीं सुनते अपने ही दिल की बात,

मारते हैं अपने ही जज़्बात को लात,

दिमाग को ही अपना मालिक समझते,

बड़े अक्लमंद दिखने को सभी हैं तैयार

पर लुटती होती कहीं अक्ल तो सभी लूट लेते।




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