rohit_420

My Real Life
2017-12-26 11:05:28 (UTC)

माँ<br>


एक शब्द में पूरा जहां बसा हैं,
पूरी सृष्टि, पूरा ब्रम्हांड जिससे शुरू होती हैं,
जिसके नाम का ना कोई आदि है न अंत हैं,
जिसकी डाँट भी ममता से सराबोर हैं,
शत शत नमन हैं तुम्हे मेरी माँ,
क्या बयाँ करूँ मैं शब्दो में तुम्हे माँ,
निशब्द हूँ मैं आज़ मेरी माँ,
कैसे माँ तुम्हे समझाऊँ मैं,
कैसे मैं तुम्हे बतलाऊँ मैं,
बिन कहे ही तुम समझ जाती हो,
वजह मेरे आंसुओ की,
बिन कहे ही तुम देख लेती हो,
दर्द मेरे मुस्कराहट के पीछे.....
तुमने दिया जन्म मुझे,
रखा कोख में मुझे 9 माह,
ना कोई किराया, ना कोई कीमत,
फिर भी तुम्हे मैंने ना समझ पाया,
कि क्या हो तुम मेरे लिए,
बस अब क्या लिखूं मैं,
कुछ हैं नहीं शब्द पास मेरे...
तुम अनमोल हो मेरी माँ.......!




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