rohit_420

My Real Life
2017-09-25 21:55:50 (UTC)

माँ

वो झूठ बोलती रही ताउम्र मुझसे,<br>
फिर भी मैं उससे प्यार करता हूँ.....!<br>
आखिर वो माँ है मेरी,<br>
ये आज इकरार करता हूँ......!<br>
पहला झूठ इसका था,<br>
जब मैं थोड़ा छोटा था,<br>
बदमाशी करूँ तो डराती थी,<br>
कहती थी शाम को खाना नही दूंगी,<br>
पर खुद काम खाती थी,<br>
मुझे भर पेट खिलाती थी,<br>
मैं भी तो उसका झूठ पकड़ ना पाया कभी,<br>
फिर थोड़ा बड़ा हुआ,<br>
और बदमाशियां बढ़ने लगी,<br>
हर रोज़ की ये कहानी बनने लगी<br>
कहती थी शाम को पापा आएंगे दफ्तर से,<br>
तब तेरी शिकायत बताउंगी,<br>
पर जब पापा दफ्तर से आते,<br>
तो वो मेरी अच्छाई उन्हें बताती थी,<br>
स्कूल गया, दोस्तों के साथ मस्ती की,<br>
थोड़ी शरारत वह बढ़ी,<br>
मेरे टीचर ने मेरी माँ से शिकायत कर दी,<br>
पर ये बात मेरी माँ ने कभी मेरे पापा को ना पता चलने दी,<br>
खुद थोड़ा डांट सुनती मेरी वजह से,<br>
ना जाने क्यों पर मुझे वो बचाती थी,<br>
हां कुछ बातों को माँ झूठ में कह जाती थी,<br>
आज समझ में आया क्यों मेरी माँ मुझसे इतना दुलार जताती थी,<br>
घर में सबसे छोटा था मैं,<br>
शायद इसीलिए वो लाड जताती थी.....!




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